GANDHI JAYANTI SPECIAL : आज गांधी की 152वीं जयंती है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। पूरी दुनिया में इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंग्रेजों से आजादी दिलाने में महात्मा गांधी का विशेष योगदान रहा है। महात्मा गांधी को बापू के नाम से भी जाना जाता है। महात्मा गांधी के आदर्श और विचार हमें उनके आदर्शों पर चलने के लिए सदैव प्रेरित करते रहते हैं। बापू के व्यक्तित्व के कई पहलू हैं, जिनकी झलक उनके विचारों और आलेखों में मिलती है।
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महात्मा गांधी की निजी जिंदगी की बात करें तो वे मसाला फिल्मों से सख्त नफरत करते थे। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ दो फिल्में ही देखी थी। जिनमें से पहली मिशन टू मॉस्को साल 1944 में देखी थी। गांधी जी की शिष्या मीराबेन ने बापू को फिल्म देखने के लिए बड़ी मुश्किल के बाद मनाया था।
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उद्योगपती शांति कुमार मोरारजी ने अपने संस्मरण में बताया था कि घर में महात्मा गांधी को फिल्म दिखाने के लिए सारे इंतजाम किए गए। इसके लिए लोकल म्युनिसपेलिटी से इजाजत भी ली गई थी। 21 मई 1944 के दिन गांधी जी के लिए शो रखा गया। फिल्म की कहानी रूस में अमेरिका के एंबेसडर जोसेफ डेविस के संस्मरण पर आधारित थी। फिल्म में डांस सीन देखकर गांधी जी ने लोगों को डांटा कि उन्हें इस तरह का डांस क्यों दिखाया जा रहा है।’ उसके बाद से उन्होंने ऐसी फिल्मों से पूरी तरह से किनारा कर लिया था।
महात्मा गांधी को पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया था। 4 जून 1944 को सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए ‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी कहा था !
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